नई रिसर्च के अनुसार, 8 से 17 वर्ष के करीब 80% बच्चे और किशोर हर महीने कम से कम एक बार ऑनलाइन ठगी का सामना करते हैं, और 46% किसी न किसी समय इसका शिकार हो चुके हैं। यूके सेफर इंटरनेट सेंटर (UKSIC) के इस अध्ययन में पाया गया कि इस आयु वर्ग के 45% लोगों को हर हफ्ते कम से कम एक ऑनलाइन स्कैम का सामना करना पड़ता है। जो लोग इन स्कैम्स के जाल में फंसते हैं, उनमें से 9% ऐसे होते हैं जो एक से अधिक बार आर्थिक नुकसान उठा चुके हैं। UKSIC का कहना है कि यह रिपोर्ट ऑनलाइन अपराधों से निपटने और युवाओं को सुरक्षित इंटरनेट अनुभव देने के लिए अधिक सहायता की आवश्यकता को उजागर करती है।

अध्ययन के अनुसार, युवा आमतौर पर fake giveaways, phishing scam और नकली वेबसाइटों का शिकार होते हैं। इसके अलावा, ऑनलाइन गेम्स और फर्जी टिकट बिक्री भी युवाओं को ठगने के प्रमुख तरीके हैं। रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि 35% स्कैम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर होते हैं, जबकि 17% ईमेल के माध्यम से फैलाए जाते हैं। 8-11 वर्ष के बच्चों के लिए ऑनलाइन गेम्स में स्कैम मिलने की संभावना 22% अधिक होती है। सकारात्मक पहलू यह है कि युवा पहले से ही ऑनलाइन ठगी को पहचानने के लिए विभिन्न रणनीतियों का उपयोग कर रहे हैं। वे किसी भी संदिग्ध प्रस्ताव को देखते ही अलर्ट हो जाते हैं, खासकर जब उन पर तुरंत कार्रवाई करने का दबाव डाला जाता है। रिपोर्ट में बताया गया कि 87% युवा संभावित स्कैम पोस्ट करने वाले व्यक्ति या प्रोफ़ाइल को ब्लॉक कर देते हैं, जबकि 79% माता-पिता या किसी संरक्षक से परामर्श करते हैं।

UKSIC के निदेशक विल गार्डनर का कहना है, "अब तक युवाओं को इस मुद्दे पर नजरअंदाज किया जाता रहा है, लेकिन हमारी रिसर्च से यह स्पष्ट होता है कि ऑनलाइन स्कैम्स का उन पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। युवा न केवल खुद को बल्कि अपने माता-पिता और अन्य लोगों को भी ऑनलाइन स्कैम से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।"

इस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए पॉलिसी एण्ड ऐड्वकसी के डायरेक्टर Rocio Concha ने कहा कि यूके एक "धोखाधड़ी महामारी" से जूझ रहा है। उन्होंने ऑफकॉम से आग्रह किया कि ऑनलाइन सेफ्टी एक्ट को जल्द से जल्द पूरी तरह लागू किया जाए ताकि लाखों बच्चों और वयस्कों को स्कैम विज्ञापनों से बचाया जा सके। Concha ने कहा, "ऑनलाइन धोखाधड़ी आज यूके में सबसे अधिक किए जाने वाले अपराधों में से एक है। यह बेहद निराशाजनक है कि धोखाधड़ी वाले विज्ञापनों से बचाव के उपाय 2027 तक लागू नहीं किए जाएंगे।" इसलिए, ऑनलाइन सतर्कता और जागरूकता बढ़ाने की सख्त जरूरत है ताकि युवा और उनके अभिभावक साइबर अपराधों से सुरक्षित रह सकें।

ऑनलाइन ठगी से बचने के उपाय:

  1. किसी भी लिंक पर क्लिक करने से पहले सोचेंअज्ञात या संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें।
  2. व्यक्तिगत जानकारी साझा न करेंकिसी अनजान वेबसाइट या व्यक्ति से अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से बचें।
  3. सुरक्षित पासवर्ड का उपयोग करेंमजबूत पासवर्ड और टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन को अपनाएं।
  4. अपडेटेड सॉफ़्टवेयर का उपयोग करेंअपने डिवाइस के एंटीवायरस और ब्राउज़र को हमेशा अपडेट रखें।
  5. संदेहास्पद प्रस्तावों से सावधान रहेंमुफ्त गिफ्ट, लॉटरी, और अन्य लुभावने ऑफर्स से बचें।
  6. ऑनलाइन लेनदेन के दौरान सतर्कता बरतेंकेवल प्रमाणित और सुरक्षित भुगतान विधियों का उपयोग करें।
  7. संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्ट करेंकिसी भी ऑनलाइन स्कैम को संबंधित प्लेटफॉर्म या साइबर क्राइम सेल में रिपोर्ट करें।

 

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