ऑनलाइन घोटाले आजकल आम होते जा रहे हैं, और इनसे बचने के लिए सतर्कता बेहद जरूरी है। हाल ही में इंदौर की एक सेवानिवृत्त शिक्षिका के साथ एक चौंकाने वाली घटना हुई, जहां उन्हें SBI लाइफ इंश्योरेंस के झांसे में आकर 96 लाख रुपये का नुकसान उठाना पड़ा। यह घोटाला दो साल (2023 से जनवरी 2025) तक चला और यह साइबर अपराध के प्रति सतर्क रहने का एक महत्वपूर्ण संदेश देता है। आइए जानते हैं कि यह घोटाला कैसे अंजाम दिया गया और ऐसे घोटालों से कैसे बचा जा सकता है।

 

 घोटाले की कहानी

इस महिला ने पहले SBI लाइफ इंश्योरेंस की दो पॉलिसियां खरीदी थीं। एक दिन उन्हें राजीव शर्मा नाम के एक व्यक्ति का फोन आया, जो खुद को कंपनी का अधिकारी बता रहा था। उसने महिला को बताया कि अगर वह एक प्रीमियम का भुगतान करेगी, तो उसे सरेंडर अमाउंट (पॉलिसी के बंद होने पर मिलने वाली राशि) मिल सकती है। फोन कॉल को वास्तविक मानते हुए, महिला ने प्रोसेसिंग फीस के रूप में 1 लाख रुपये का भुगतान कर दिया।   इसके बाद, घोटालों ने महिला को और भी ज्यादा भुगतान करने के लिए मनाना शुरू कर दिया। उन्होंने उसे पॉलिसी प्रक्रियाओं और भविष्य में मिलने वाले लाभ के नाम पर भरोसा दिलाया। धीरे-धीरे, महिला ने 34 ऑनलाइन लेन-देन किए और कुल मिलाकर 96 लाख रुपये घोटालों के खाते में ट्रांसफर कर दिए। जब घोटालों ने सभी संचार बंद कर दिया, तब जाकर महिला को एहसास हुआ कि उसे ठग लिया गया है। 

 

 ऐसे घोटालों से कैसे बचें?

ऑनलाइन घोटालों से बचने के लिए कुछ सावधानियां बरतना बेहद जरूरी है। यहां कुछ महत्वपूर्ण टिप्स दिए गए हैं, जिन्हें अपनाकर आप खुद को सुरक्षित रख सकते हैं:

 1. कॉलर की पहचान सत्यापित करें : किसी भी व्यक्ति की पहचान पर भरोसा करने से पहले उसे दोबारा जरूर जांचें। अगर कोई व्यक्ति खुद को किसी वित्तीय संस्थान का अधिकारी बताता है, तो कंपनी के आधिकारिक संपर्क नंबर पर कॉल करके इसकी पुष्टि करें। कभी भी कॉलर द्वारा दिए गए नंबर पर वापस कॉल करें। 

2. जल्दबाजी वाले अनुरोधों से सावधान  : घोटाले अक्सर पीड़ितों पर जल्दी निर्णय लेने का दबाव डालते हैं। अगर कोई आपसे तुरंत भुगतान करने या निजी जानकारी साझा करने के लिए कहता है, तो सतर्क हो जाएं। ऐसे मामलों में समय लें और किसी विश्वसनीय व्यक्ति से सलाह लें। 

3. संवेदनशील जानकारी साझा करें : कभी भी अपने बैंक खाते की जानकारी, पासवर्ड, या OTP (वन-टाइम पासवर्ड) फोन या ऑनलाइन किसी के साथ साझा करें। यह जानकारी आपके खाते तक पहुंच प्रदान कर सकती है और आपकी मुश्किलें बढ़ा सकती है। 

4. संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट करें : अगर आपको किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि दिखाई देती है, तो तुरंत इसकी रिपोर्ट करें। आप साइबर क्राइम हेल्पलाइन या स्थानीय पुलिस से संपर्क कर सकते हैं। जल्दी रिपोर्ट करने से घोटालों को रोकने में मदद मिल सकती है। 

 


 साइबर सुरक्षा के लिए और सुझाव

  •  स्ट्रॉन्ग पासवर्ड का उपयोग करें: अपने ऑनलाइन खातों के लिए मजबूत और यूनिक पासवर्ड बनाएं। एक ही पासवर्ड को कई खातों में इस्तेमाल करने से बचें। 
  •  टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) चालू करें: यह सुविधा आपके खाते को एक अतिरिक्त सुरक्षा परत प्रदान करती है। 
  •  नियमित रूप से अपने खाते की जांच करें: अपने बैंक और ऑनलाइन खातों की नियमित रूप से जांच करते रहें। किसी भी अजीब लेन-देन पर तुरंत ध्यान दें। 
  •  फिशिंग ईमेल से सावधान: किसी भी ईमेल में दिए गए लिंक पर क्लिक करने से पहले उसकी प्रामाणिकता जांच लें। फिशिंग ईमेल अक्सर वैध दिखते हैं, लेकिन उनका उद्देश्य आपकी निजी जानकारी चुराना होता है। 

ऑनलाइन घोटालों का शिकार होने से बचने के लिए जागरूकता और सतर्कता सबसे बड़ा हथियार है। किसी भी अनजान व्यक्ति या संस्था पर आंख मूंदकर भरोसा करने से पहले उसकी पुष्टि जरूर करें। अगर आपके साथ कुछ संदिग्ध होता है, तो तुरंत कार्रवाई करें और इसे रिपोर्ट करें। याद रखें, सुरक्षा हमेशा आपकी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। 

साइबर अपराध बढ़ रहे हैं, लेकिन सही जानकारी और सावधानी के साथ हम खुद को और अपने परिवार को इनसे बचा सकते हैं। सतर्क रहें, सुरक्षित रहें!

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