साइबर ठगी के एक मामले में एक ऐसी घटना
सामने आई है जो संगठनों और व्यक्तियों के लिए सतर्कता की आवश्यकता को रेखांकित
करती है। एक साइबर अपराधी ने एक प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग और मशीन निर्माण कंपनी के
कार्यकारी निदेशक का रूप धारण कर कंपनी के अधिकारी से 4.4 करोड़ रुपये ठग लिए।
यह घटना जनवरी 2024 में हुई और फरवरी में दक्षिणी क्षेत्र साइबर अपराध पुलिस
स्टेशन में आपराधिक शिकायत दर्ज की गई।
घटना की शुरुआत 7 जनवरी को हुई, जब कंपनी के एक
अधिकारी को एक अज्ञात नंबर से व्हाट्सएप मैसेज मिला। मैसेज में कंपनी के कार्यकारी
निदेशक की प्रोफाइल फोटो थी, जिससे यह भ्रम पैदा हुआ कि यह मैसेज उन्हीं का है। मैसेज
में कहा गया था कि निदेशक को इंटरनेट कनेक्टिविटी में समस्या आ रही है, इसलिए वे एक
नया नंबर इस्तेमाल कर रहे हैं। साथ ही, अधिकारी को यह नंबर निदेशक के नाम से सेव
करने के लिए कहा गया था।
इस मैसेज पर विश्वास करने का एक मुख्य
कारण यह था कि कंपनी के कार्यकारी निदेशक वास्तव में उस समय नई दिल्ली से अहमदाबाद
की व्यावसायिक यात्रा पर थे। इस वजह से अधिकारी को लगा कि यह मैसेज असली है।
जालसाज ने अधिकारी से कंपनी के खाते की शेष राशि के बारे में पूछा और एक
"महत्वपूर्ण व्यापारिक सौदे" के लिए 2.6 करोड़ रुपये की
अग्रिम राशि मांगी। अधिकारी ने यह राशि तीन बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी। जालसाज
ने राशि मिलने की पुष्टि भी की, जिससे अधिकारी को कोई संदेह नहीं हुआ।
इसके बाद जालसाज ने दो और संदेश भेजे और
दो अन्य खातों में 1.8 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि ट्रांसफर करने को कहा।
अधिकारी ने बिना किसी संदेह के राशि ट्रांसफर कर दी। कुल मिलाकर कंपनी को 4.4 करोड़ रुपये
का नुकसान हुआ।
जब अधिकारी ने कुछ दिनों बाद कार्यकारी
निदेशक से भुगतान वाउचर मांगा, तो उन्हें पता चला कि निदेशक ने ऐसा कोई अनुरोध कभी नहीं
किया था। यह जानकारी मिलने पर कंपनी ने तुरंत साइबर अपराध पुलिस को सूचित किया और
मामले की जांच शुरू की गई।
Tips-:
- किसी अनजान नंबर से प्राप्त किसी भी संदेश पर तुरंत भरोसा न करें। सुनिश्चित करें कि संदेश वास्तव में उसी व्यक्ति का है जिसका नाम दिखाया जा रहा है।
- दो-चरणीय सत्यापन: किसी भी बड़े लेन-देन से पहले, फ़ोन कॉल या अन्य माध्यमों से पुष्टि करना ज़रूरी है।
- कर्मचारी प्रशिक्षण: संगठनों को नियमित रूप से अपने कर्मचारियों को साइबर सुरक्षा और धोखाधड़ी से बचने के तरीकों के बारे में प्रशिक्षित करना चाहिए।
- साइबर अपराध की रिपोर्ट करना: ऐसी किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत रिपोर्ट करें ताकि समय रहते उचित कार्रवाई की जा सके।
यह घटना साइबर अपराधियों की बढ़ती चालाकी
और होशियारी को दर्शाती है। सतर्कता और जागरूकता ऐसे मामलों में सबसे बड़ा हथियार
है। संगठनों और व्यक्तियों को साइबर सुरक्षा के प्रति सचेत रहना चाहिए और किसी भी
संदिग्ध गतिविधि की तुरंत रिपोर्ट करनी चाहिए। साइबर अपराध से निपटने के लिए सही
जानकारी होना और सावधानी बरतना बहुत ज़रूरी है।
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