आज के डिजिटल युग में ऑनलाइन धोखाधड़ी के नए-नए तरीके सामने आ रहे हैं। जालसाज मासूम लोगों को अपने जाल में फंसाने के लिए लगातार नई-नई तरकीबें अपना रहे हैं। ऐसा ही एक नया तरीका है फर्जी
IVR (इंटरेक्टिव वॉयस रिस्पॉन्स) घोटाला, जिसके कारण लोगों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।

क्या है IVR सिस्टम?

IVR एक ऑटोमेटेड फोन सिस्टम है जिसका इस्तेमाल बैंक, टेलीकॉम कंपनियां और कस्टमर सर्विस हेल्पलाइन करती हैं। इसमें कॉल करने वाले को वॉयस कमांड या कीपैड इनपुट के जरिए सेवाओं तक पहुंचने की सुविधा दी जाती है, जैसे बैलेंस चेक करने के लिए "2" दबाना। लेकिन अब जालसाज इस सिस्टम का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए करने लगे हैं।

कैसे होता है फर्जी IVR घोटाला?

जालसाज असली IVR सिस्टम की नकल करते हैं और लोगों से गोपनीय जानकारी हासिल करने की कोशिश करते हैं। यह घोटाला आमतौर पर इस तरह होता है:

  • कॉलर आईडी स्पूफिंग: जालसाज फर्जी कॉलर आईडी को बैंक या सरकारी एजेंसी के असली नंबर जैसा दिखाने की कोशिश करते हैं।
  • पेशेवर वॉयस क्लोनिंग: स्कैमर्स वास्तविक IVR सिस्टम के समान स्वचालित आवाज़ में संदेश रिकॉर्ड करते हैं, जिससे यह वास्तविक लगता है।
  • डर पैदा करना: कॉल करने वाले को बताया जाता है कि उनका बैंक खाता ब्लॉक होने वाला है या कोई अनधिकृत लेनदेन हुआ है।

हाल की घटनाएँ

बेंगलुरु की घटना: एक महिला ने फ़र्जी IVR कॉल का शिकार होकर अपने बैंक खाते से ₹2 लाख खो दिए। कॉल में, उसे बताया गया कि उसके खाते से पैसे ट्रांसफर किए जा रहे हैं और इसे रोकने के लिए उसे कुछ बटन दबाने होंगे। जैसे ही उसने निर्देशों का पालन किया, उसके खाते से पैसे कट गए।

श्री विजयपुरम की घटना: एक व्यक्ति को TRAI के एक फ़र्जी अधिकारी का फ़ोन आया, जिसमें उसे बताया गया कि उसके मोबाइल नंबर का इस्तेमाल अवैध गतिविधियों के लिए किया जा रहा है। उसे “9” दबाने के लिए कहा गया और बाद में उसे ₹80,000 का चूना लग गया।

 


फ़र्जी IVR कॉल की पहचान कैसे करें?

 ✔️ असली IVR सिस्टम कभी भी OTP, CVV या पासवर्ड नहीं मांगते।

 ✔️ अगर कोई सिस्टम गोपनीय जानकारी मांगता है, तो यह निश्चित रूप से एक घोटाला है।

 ✔️ असली ग्राहक सेवा प्रतिनिधि कभी भी जल्दबाजी में निर्णय लेने के लिए आप पर दबाव नहीं डालते हैं।

 ✔️ फर्जी IVR कॉल अक्सर डराने वाले संदेश देते हैं, जबकि असली IVR सिस्टम तटस्थ भाषा का उपयोग करते हैं।

✔️ किसी भी संदिग्ध कॉल पर तुरंत कॉल डिस्कनेक्ट करें और आधिकारिक हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें।

फर्जी IVR घोटाले से कैसे बचें?

  •  किसी भी स्वचालित कॉल में OTP, पिन या कार्ड विवरण दर्ज न करें।
  •  अपने बैंक और लेनदेन की जानकारी के लिए SMS और ईमेल अलर्ट सक्रिय करें।
  •  स्पैम कॉल की संख्या को कम करने के लिए DND (डू नॉट डिस्टर्ब) सेवा के लिए पंजीकरण        करें।
  •  किसी भी संदिग्ध कॉल की सूचना साइबर क्राइम पोर्टल और बैंक को दें।
  •   अगर आपने गलती से कोई जानकारी साझा की है, तो तुरंत अपने बैंक से संपर्क करें।

डिजिटल दुनिया में ठग नए-नए तरीकों से लोगों को ठगने की कोशिश करते हैं। फर्जी IVR घोटाला इन्हीं तरीकों में से एक है। इसलिए सतर्क रहें, जागरूक रहें और किसी भी कॉल का जल्दबाजी में जवाब न दें। अगर कोई संदेह है तो तुरंत आधिकारिक हेल्पलाइन से पुष्टि करें।

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