भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने डिजिटल
वित्तीय लेनदेन को सुरक्षित बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अप्रैल 2025 से सभी बैंक
विशेष रूप से 'bank.in' डोमेन का उपयोग करेंगे, जबकि गैर-बैंकिंग
वित्तीय कंपनियाँ (NBFC) 'fin.in' डोमेन पर शिफ्ट हो जाएँगी। इस कदम का उद्देश्य भारत के
वित्तीय क्षेत्र में बढ़ते साइबर अपराधों पर अंकुश लगाना और उपभोक्ताओं को अधिक
सुरक्षित डिजिटल लेनदेन प्रदान करना है। RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा
ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा के दौरान इस पहल की घोषणा की।
साइबर सुरक्षा की
बढ़ती आवश्यकता
1. राष्ट्रीय अपराध
रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के हालिया आंकड़ों के अनुसार, भारत में साइबर अपराध
तेजी से बढ़े हैं। 2024 में वित्तीय साइबर धोखाधड़ी के 50,000 से अधिक
मामले दर्ज किए गए, जो पिछले वर्ष की तुलना में 30% अधिक है।
2. फ़िशिंग साइबर अपराध
का एक आम तरीका है, जिसमें जालसाज़ बैंक जैसी फ़र्जी वेबसाइट बनाकर ग्राहकों की
निजी जानकारी चुरा लेते हैं। नए डोमेन लागू होने के बाद उपभोक्ताओं के लिए असली और
नकली बैंकिंग वेबसाइट की पहचान करना आसान हो जाएगा, जिससे फ़िशिंग हमलों
में कमी आने की संभावना है।
3. डिजिटल भुगतान प्रणाली
में लोगों का भरोसा बनाए रखना बहुत ज़रूरी है। 'bank.in' और 'fin.in' डोमेन सिर्फ़
विशेष रूप से अधिकृत संस्थाओं को ही दिए जाएँगे, जिससे ग्राहकों को यह
सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि वे असली वित्तीय वेबसाइट का इस्तेमाल कर रहे
हैं।
RBI की इस पहल से साइबर
अपराध को रोकने के लिए कई सुरक्षात्मक उपाय किए जाएँगे:
✔ डोमेन सत्यापन: RBI
द्वारा
अधिकृत बैंक और NBFC ही इन डोमेन का इस्तेमाल कर पाएँगे, जिससे किसी भी अनधिकृत
संस्था के लिए ग्राहकों को धोखा देना मुश्किल हो जाएगा।
✔ उपभोक्ता जागरूकता:
सभी बैंक और NBFC अपने ग्राहकों को जागरूक करेंगे कि उन्हें केवल ‘bank.in’
और ‘fin.in’
डोमेन
वाली वेबसाइट का ही उपयोग करना चाहिए।
✔ सख्त निगरानी: RBI
और
डोमेन रजिस्ट्रार इन नए डोमेन पर कड़ी निगरानी रखेंगे, ताकि किसी भी संदिग्ध
गतिविधि का तुरंत पता लगाया जा सके।
भारतीय वित्तीय
क्षेत्र में साइबर अपराध के आँकड़े
- बैंकिंग क्षेत्र में साइबर धोखाधड़ी के कारण 2024 में 100 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ, जो 2023 में 70 करोड़ रुपये था।
- अनधिकृत लेनदेन, फ़िशिंग और पहचान की चोरी सबसे अधिक रिपोर्ट की गई घटनाएँ थीं। अकेले फ़िशिंग हमलों में साइबर धोखाधड़ी के 40% मामले थे।
- छोटे और मध्यम उद्यम (SME) साइबर हमलों के लिए विशेष रूप से असुरक्षित हैं क्योंकि उनकी सुरक्षा प्रणाली बड़ी कंपनियों की तुलना में कमज़ोर है।
आगे की राह
- सभी बैंक और NBFC 2025 के अंत तक पूरी तरह से इन नए डोमेन पर शिफ्ट हो जाएंगे।
- RBI नए डोमेन की पहचान और उपयोग के बारे में उपभोक्ताओं को शिक्षित करने के लिए जागरूकता अभियान चलाएगा।
- यह कदम वित्तीय क्षेत्र को आगे बढ़ाने और सुरक्षित करने के लिए RBI की व्यापक साइबर सुरक्षा रणनीति का हिस्सा है।
RBI द्वारा 'bank.in'
और 'fin.in'
डोमेन
लॉन्च करना डिजिटल वित्तीय सुरक्षा को एक नई दिशा देने की दिशा में एक कदम है। यह
उपभोक्ताओं को ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाने और डिजिटल बैंकिंग में पारदर्शिता और
विश्वास बनाए रखने में मदद करेगा। जैसे-जैसे डिजिटल लेन-देन बढ़ रहे हैं, यह पहल भारतीय
वित्तीय प्रणाली की सुरक्षा और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका
निभाएगी। इसलिए, उपभोक्ताओं और वित्तीय संस्थानों के लिए इस बदलाव को समझना
और सुरक्षित डिजिटल बैंकिंग अनुभव के लिए इन नए डोमेन को अपनाना आवश्यक है।
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