डिजिटल तकनीक का उपयोग आज के युग में तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन इसके साथ-साथ ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले भी बढ़ रहे हैं। 2023 में, मेक्सिको में प्रतिदिन लगभग 15,000 वित्तीय घोटालों की घटनाएं सामने आईं। इनमें से 15% आबादी ठगी का शिकार हुई। यह स्पष्ट करता है कि इंटरनेट का सुरक्षित उपयोग करना कितना आवश्यक है, खासकर उन वरिष्ठ नागरिकों के लिए जो तकनीकी दुनिया से पूरी तरह परिचित नहीं हैं।

डिजिटल विभाजन और इसका प्रभाव

मेक्सिको में इंटरनेट का उपयोग भले ही बढ़ा हो, लेकिन वरिष्ठ नागरिकों को डिजिटल उपकरणों का सुरक्षित उपयोग करने के लिए आवश्यक प्रशिक्षण की कमी का सामना करना पड़ता है। इंटरनेट सोसाइटी मेक्सिको चैप्टर के अध्यक्ष जेफ़री फर्नांडीज का कहना है, "सोशल इंजीनियरिंग जैसी धोखाधड़ी की रणनीतियों को न पहचान पाने के कारण वरिष्ठ नागरिकों को जोखिम का सामना करना पड़ता है।" बुजुर्गों के लिए इंटरनेट पर नेविगेट करना अक्सर चुनौतीपूर्ण हो जाता है। वे तकनीकी ज्ञान की कमी और असुरक्षा के कारण ठगी का शिकार हो सकते हैं।

डिजिटल जागरूकता पाठ्यक्रम: एक सकारात्मक कदम

मेक्सिको चैप्टर ने वरिष्ठ नागरिकों को डिजिटल खतरों से बचाने के लिए लघु पाठ्यक्रमों की शुरुआत की। इन पाठ्यक्रमों का उद्देश्य वरिष्ठ नागरिकों को ऑनलाइन घोटालों को पहचानने, उनसे बचने और इंटरनेट के सुरक्षित उपयोग के लिए सशक्त बनाना था। अब तक 200 से अधिक लोगों ने इन पाठ्यक्रमों में भाग लिया। इन पाठ्यक्रमों में सोशल इंजीनियरिंग की मूल बातें सिखाई गईं, जिसमें बताया गया कि ठग किस प्रकार लोगों को धोखा देते हैं। प्रतिभागियों ने धोखाधड़ी के सामान्य संकेतों की पहचान करना और व्यक्तिगत जानकारी को सुरक्षित रखने के उपाय सीखे।

एक सेवानिवृत्त प्रोफेसर, जो इस पाठ्यक्रम में भाग ले चुकी हैं, कहती हैं, "मैं यह जानकर चकित हूँ कि अपराधी कितने तरीकों से किसी की पहचान चुराकर उनके खातों को खाली कर सकते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हमें निवारक उपायों पर ध्यान देना चाहिए।"


प्रत्यक्ष अनुभव और सीखने की प्रक्रिया

पाठ्यक्रमों में प्रतिभागियों ने घोटालों के अपने अनुभव साझा किए। इनमें से कई फ़िशिंग घोटालों के उदाहरण थे, जैसे कि डिलीवर न किए गए पैकेजों के बारे में नकली सूचनाएँ या भुगतान न किए गए जुर्माने के फर्जी संदेश। अल्कांतारा ने बताया कि उन्हें भी बैंक के एक फर्जी अधिकारी का कॉल आया था, जिसने उनके व्यक्तिगत खातों की जानकारी चुराने की कोशिश की। उन्होंने सीखा कि अज्ञात कॉल्स और संदिग्ध संदेशों पर संदेह करना आवश्यक है।

फर्नांडीज ने बताया, "वरिष्ठ नागरिकों को जोखिम पैदा करने वाली सामाजिक इंजीनियरिंग युक्तियों के बारे में औपचारिक प्रशिक्षण की कमी के कारण, वे ऑनलाइन सेवाओं का उपयोग करते समय अविश्वास और असुरक्षा महसूस करते हैं।"

सभी के लिए सुरक्षित डिजिटल भविष्य

इंटरनेट तक पहुंच सभी के लिए होनी चाहिए, लेकिन केवल पहुंच ही पर्याप्त नहीं है। वृद्ध नागरिकों को सुरक्षित और आत्मविश्वास के साथ इंटरनेट का उपयोग करने में सक्षम बनाने के लिए, उन्हें सही उपकरण और जानकारी प्रदान करना जरूरी है। फर्नांडीज का मानना है कि इन घोटालों का प्रभाव केवल वित्तीय नुकसान तक सीमित नहीं है। यह वरिष्ठ नागरिकों को एक ऐसे समाज से हाशिए पर महसूस कराता है, जो ऑनलाइन सेवाओं पर निर्भर है।

डिजिटल विभाजन को समाप्त करने की दिशा में कदम

डिजिटल विभाजन को कम करने के लिए, वरिष्ठ नागरिकों की आवश्यकताओं और उनके अनुभवों को समझते हुए उनके साथ सीधे काम करना जरूरी है। मेक्सिको चैप्टर द्वारा आयोजित इन पाठ्यक्रमों ने एक सकारात्मक प्रभाव डाला है। इस पहल ने वरिष्ठ नागरिकों को डिजिटल दुनिया में आत्मनिर्भर बनने का आत्मविश्वास दिया। सकारात्मक प्रतिक्रिया को देखते हुए, इंटरनेट सोसाइटी ने घोषणा की है कि वे इस पहल को जारी रखेंगे और अधिक समुदायों तक पहुँचने के लिए नए पाठ्यक्रम शुरू करेंगे।

ऑनलाइन घोटाले से बचाव केवल व्यक्तिगत प्रयासों तक सीमित नहीं है; यह सामूहिक जिम्मेदारी है। ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम यह सुनिश्चित करते हैं कि डिजिटल दुनिया में कोई भी पीछे न छूटे। मेक्सिको चैप्टर की यह पहल न केवल वरिष्ठ नागरिकों को सशक्त बना रही है, बल्कि समाज में उनके योगदान को और अधिक मूल्यवान बना रही है। यह एक सुरक्षित, समावेशी और जागरूक डिजिटल समाज की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

भारत में डिजिटल सुरक्षा की आवश्यकता

भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है, लेकिन इसके साथ ही साइबर धोखाधड़ी के मामले भी बढ़ रहे हैं। खासकर, वरिष्ठ नागरिकों और कम तकनीकी ज्ञान रखने वाले लोगों को डिजिटल उपकरणों का सुरक्षित उपयोग सिखाना आवश्यक है। भारत सरकार को डिजिटल इंडिया मिशन के तहत एक समर्पित "डिजिटल सुरक्षा और जागरूकता कार्यक्रम" शुरू करना चाहिए। यह पहल देश के सभी आयु वर्ग, विशेषकर वरिष्ठ नागरिकों, ग्रामीण जनता, और छोटे व्यवसायों पर ध्यान केंद्रित कर सकती है।

भारत जैसे डिजिटल रूप से विकसित हो रहे देश में, डिजिटल जागरूकता केवल एक आवश्यकता नहीं, बल्कि एक प्राथमिकता है। मेक्सिको के जागरूकता कार्यक्रम को प्रेरणा मानते हुए, भारतीय सरकार को एक समग्र और समावेशी डिजिटल सुरक्षा पहल शुरू करनी चाहिए। इससे हर नागरिक डिजिटल युग का हिस्सा बन सकेगा और साइबर धोखाधड़ी से सुरक्षित रहेगा।

सुरक्षित डिजिटल भविष्य की ओर एक कदम और!

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