पुणे: ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग धोखाधड़ी का बड़ा पर्दाफाश

पिंपरी चिंचवड़ साइबर पुलिस ने हाल ही में एक बड़े ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग धोखाधड़ी मामले का पर्दाफाश किया, जिसमें ऑटोमोबाइल कंपनी के अधिकारी ने 76 लाख रुपये का भारी नुकसान उठाया। इस धोखाधड़ी में दो आरोपी शामिल थे, जिनमें से एक जलना जिले के भोकरदन का निवासी था और दूसरा पुणे के सिंहगढ़ रोड क्षेत्र का था।

पुलिस के मुताबिक, आरोपी और उनके सहयोगी दुबई में क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के लिए म्यूल खातों से नकद (Funds) निकालते थे। दुबई में क्रिप्टोकरेंसी की कीमत भारत की तुलना में सस्ती होती है, जिससे इन अपराधियों ने इसे एक लाभकारी विकल्प के रूप में चुना। आरोपी विदेश में म्यूल खाता धारकों की पहचान करते और उनके डेबिट कार्ड का इस्तेमाल कर नकद निकालते थे। इसके बाद, वे इस फंड्स से सस्ती दरों पर क्रिप्टोकरेंसी खरीदते और उसे अपने हैंडलर्स को ट्रांसफर कर देते थे।

म्यूल अकाउंट्स: धोखाधड़ी का मुख्य हिस्सा

(Mule Accounts) वे बैंक खाते होते हैं जो धोखाधड़ी और अपराधी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। इन खातों का मुख्य उद्देश्य पैसे या अन्य वित्तीय लेन-देन को धोखाधड़ी से वैध दिखाने के लिए ट्रांसफर करना होता है। म्यूल खाता धारक को आमतौर पर अपनी जानकारी बिना पूरी समझे इन खातों का इस्तेमाल करने के लिए कहा जाता है। वे खाते अपराधी समूहों द्वारा संचालित होते हैं, जो इन खातों के माध्यम से धन की आवाजाही करते हैं, ताकि वास्तविक अपराधी अपनी पहचान छिपा सकें।

कैसे शुरू हुआ यह धोखाधड़ी?

इस मामले की शुरुआत तब हुई जब एक चिंचवड़ निवासी, जो एक ऑटोमोबाइल कंपनी में काम करता है, ने साइबर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि दिसंबर में कुछ लोग उनके संपर्क में आए और उन्हें शेयर बाजार में निवेश पर 10 से 12 प्रतिशत का दैनिक लाभ देने का वादा किया। यह सुनकर उन्होंने विश्वास किया और 76 लाख रुपये विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिए, लेकिन बाद में यह पूरी तरह से धोखाधड़ी निकला।


पुलिस की जांच और आरोपी की गिरफ्तारी

पुलिस ने जांच के दौरान पाया कि यह धोखाधड़ी सिंहगढ़ रोड क्षेत्र के दो बैंक खातों से जुड़ी हुई थी। उप निरीक्षक सागर पोमन ने इन खातों का पता लगाया और शुभम सोर्टे (24) नामक एक संदिग्ध तक पहुंचे। पूछताछ के दौरान, सोर्टे ने आदित्य इंगले (18) का नाम लिया, जो जलना जिले के भोकरदन का निवासी था। इसके बाद, पुलिस ने तकनीकी जांच की मदद से इंगले को भोकरदन से गिरफ्तार कर लिया।

जांच में यह भी सामने आया कि आदित्य इंगले ने पुणे आने के बाद शेयर कारोबार करना शुरू किया और अपराधियों से संपर्क किया। वह म्यूल खाता धारकों की पहचान करता था, जिनका इस्तेमाल वह क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजेक्शन के लिए करता था। बाद में शुभम सोर्टे भी इस रैकेट में शामिल हो गया। इंगले ने बाद में औरंगाबाद में अपने ऑपरेशन को जारी रखा।

दुबई में फंड्स निकालकर क्रिप्टोकरेंसी का कारोबार

पुलिस ने बताया कि दोनों आरोपी म्यूल खाता धारकों के डेबिट कार्ड का उपयोग करके दुबई गए थे, जहां उन्होंने फंड्स निकाली और सस्ते दर पर क्रिप्टोकरेंसी खरीदी। इसके बाद, उन्होंने इसे अपने हैंडलर्स को ट्रांसफर कर दिया।

साइबर पुलिस अब आरोपियों के खातों का विवरण सत्यापित कर रही है और यह जांच कर रही है कि क्या इस मामले में और लोग भी शामिल हैं। वरिष्ठ निरीक्षक रविकिरण नाले ने कहा कि इस धोखाधड़ी का खुलासा होने के बाद पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए कार्रवाई तेज कर दी है।

सतर्कता रखें और सुरक्षित निवेश करें

यह घटना एक चेतावनी है कि निवेश करते समय हमें पूरी सतर्कता बरतनी चाहिए और किसी भी ऑफर या निवेश के बारे में पूरी जानकारी लेनी चाहिए। किसी भी निवेश को करने से पहले उसके बारे में जांच करना अत्यंत आवश्यक है। ऐसे धोखाधड़ी के मामलों से बचने के लिए हमें साइबर सुरक्षा के बारे में जागरूक रहना चाहिए और संदिग्ध स्रोतों से संपर्क करने से बचना चाहिए।

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