घटना की शुरुआत कैसे हुई?
यह मामला 26 दिसंबर को तब शुरू हुआ जब पीड़ित ने अपने बिजली कनेक्शन के लिए नाम-परिवर्तन आवेदन जमा किया। आवेदन जमा करने के कुछ ही समय बाद, उन्हें एक अज्ञात नंबर से कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को बिजली वितरण कंपनी (डिस्कॉम) का अधिकारी बताया और कहा कि उनके बिजली बिल का 13 रुपये का भुगतान बकाया है।
ठगों ने पीड़ित को आश्वस्त किया कि यह एक त्वरित भुगतान है और इसे ऑनलाइन निपटाने के लिए एक लिंक भेजा। जैसे ही पीड़ित ने लिंक पर क्लिक किया, ठगों ने उनके मोबाइल फोन तक रिमोट एक्सेस प्राप्त कर ली। अगले तीन दिनों (29 दिसंबर से 31 दिसंबर) के भीतर, ठगों ने पीड़ित के बैंक खाते से कई अनधिकृत लेनदेन किए और 9 लाख रुपये निकाल लिए।
कैसे बने ठगी का शिकार?
इस घोटाले में ठगों ने बेहद चतुराई से पीड़ित की हालिया गतिविधियों की जानकारी का इस्तेमाल किया। बिजली विभाग में आवेदन करने की ताजा जानकारी का लाभ उठाते हुए, उन्होंने खुद को वैध अधिकारी के रूप में प्रस्तुत किया। विश्वास बनाने के लिए, उन्होंने केवल 13 रुपये की मामूली राशि के भुगतान की बात कही। जब पीड़ित ने ठगों पर भरोसा किया, तो उन्होंने उनके फोन पर एक दुर्भावनापूर्ण लिंक भेज दिया। लिंक पर क्लिक करते ही, ठगों ने पीड़ित के फोन को पूरी तरह हैक कर लिया और उनके बैंकिंग ऐप्स तक पहुंच प्राप्त कर ली।
कैसे बचें इस प्रकार के साइबर फ्रॉड से?
इन खतरनाक घटनाओं से बचने के लिए सतर्कता और सुरक्षा बेहद जरूरी है। यहां कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए हैं:
1. सरकारी विभाग या कंपनियां फोन पर भुगतान की मांग शायद ही करती हैं। अगर आपको ऐसा कोई कॉल आता है, तो सीधे संबंधित कंपनी की अधिकृत हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें।
2. अनजान नंबरों से भेजे गए लिंक पर कभी भी क्लिक न करें क्योंकि ये लिंक अक्सर आपके डिवाइस तक पहुंचने का माध्यम होते हैं।
सतर्क रहें और सुरक्षित रहें
साइबर अपराधी लगातार नई-नई तरकीबें अपनाते हैं। ऐसे में सतर्क रहना और जागरूकता बनाए रखना ही सुरक्षा का सबसे बड़ा उपाय है। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें और खुद को संभावित खतरों से बचाएं।
इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि छोटी सी लापरवाही भी बड़े नुकसान का कारण बन सकती है। इसलिए, अनजान नंबरों से सावधान रहें, सुरक्षित ऑनलाइन आदतें अपनाएं और अपनी निजी और वित्तीय जानकारी को सुरक्षित रखें।



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